राज्य स्तरीय वर्चुअल कार्यशाला में छाया नागौर का अभियान ‘‘तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान : सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि नागौर का अभियान अच्छा, ऐसी थीम पर पूरे प्रदेश में वर्षपर्यन्त हो काम

जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने मुख्यमंत्री व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष आॅनलाइन दिया स्लाइड प्रजेंटेशन, नागौर के अभियान तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान से जुड़े 09 इंडीकेटर्स का प्रस्तुतीकरण भी किया गांव-ढाणी से लेकर जिला एवं राज्य स्तर के प्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी व आमजन फेसबुक व यूट्यूब चैनल के माध्यम से बने कार्यशाला के संभागी

विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर निरोगी राजस्थान अभियान के तहत सोमवार को कोरोना एवं तम्बाकू सेवन  अंतर्संबंध पर वर्चुअल सेन्सिटाइजेशन कार्यशाला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मुख्य आतिथ्य में हुई। कार्यशाला की अध्यक्षता राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रघु शर्मा ने की।

इस राज्य स्तरीय वर्चुअल कार्यशाला के प्रथम चरण में विश्व तम्बाकु निषेध दिवस पर आधारित थीम ‘‘कमिट टू क्विट‘‘ पर श्लाइड प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत किए गए। नागौर जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने नागौर जिले में संचालित किए जा रहे ‘‘तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान‘‘ अभियान के तहत किए गए जागरूकता संबंधी कार्यों और इससे स्कूलों के आसपास के क्षेत्रों में आए सामाजिक बदलाव से जुड़े पहलूओं पर स्लाइड प्रजेंटेशन के जरिए प्रकाश डाला। जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री  की महत्वकांक्षी निरोगी राजस्थान योजना के  एक घटक तम्बाकू मुक्त राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने के लिए नागौर जिले की 4712 सरकारी एवं निजी विद्यालयों में अभियान ‘‘तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान‘‘ संचालित करते हुए वहां विभिन्न तरह की गतिविधियां निरंतर आयोजित की जा रही है। मुख्यमंत्री व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री की वर्चुअली साक्षी में जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने टीम नागौर के साथ कलेक्ट्रेट के राजीव गांधी भारत निर्माण आईटी सेंटर से चलाए गए अभियान तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान से सफलतापूर्ण संचालन से जुड़े नौ इंडीकेटर्स पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस अभियान की माॅनिटरिंग के लिए जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय तथा उपखण्ड स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया। अभियान के लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता पर काम करने के साथ-साथ इसके लिए प्रशिक्षण, फाॅलोअप तथा विभिन्न एसोसिएशन व एनजीओ को भी इससे जोड़ा गया। डाॅ. सोनी ने मुख्यमंत्री व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को बताया कि जिले में नौ टोबेका अभियान का प्रचार-प्रसार निरंतर जारी है और इसी के साथ-साथ नई शुरूआत करते हुए प्रत्येक गांव में ‘‘नशामुक्ति मित्र‘‘ बनाए जा रहे हैं, जो गांवों में समस्त प्रकार के नशों के विरूद्ध आमजन में जागरूकता लाने का काम करेंगे।

यमंत्री अशोक गहलोत ने इस राज्य स्तरीय वर्चुअली कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर आयोजित वर्चुअली कार्यशाला में नागौर के जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी, जनरल पवन सिंघल व निदेशक, जन स्वास्थ्य डाॅ. के.के. शर्मा ने अलग-अलग श्लाइड प्रजेंटेशन देकर यह बताया कि कैसे समाज, राज्य व देश को नशामुक्त बनाने की मुहिम में सफलता हासिल की जा सकती है। उन्होंने कहा कि देश की भावी पीढ़ी यानी स्कूली विद्याार्थियों को नशावृति से हर हाल में दूर रखना होगा, इसके संदर्भ में नागौर जिला कलक्टर डाॅ. जितेन्द्र कुमार सोनी द्वारा नागौर में शिक्षण संस्थानों में किया गया काम भी अच्छा है, ऐसी थीम पर पूरे राज्य में कार्ययोजना बनाकर वर्षपर्यन्त काम होना चाहिए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना के संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों के सीधे फैंफड़ों पर असर पड़ा, जनहानि हुई, इस बात का बड़ा दुःख है, परन्तु यह बात कहना प्रासंगिक है कि तम्बाकू या धुम्रपान अथवा अन्य तरह के नशा करने वाले व्यक्ति, जो इस महामारी से संक्रमित हुए, उन्हें अधिक नुकसान हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के संक्रमण के कारण जनमानस के बीच जो स्थिति उभरकर सामने आई है, उससे उनकी सोच में परिवर्तन आया है। इस इस दौर में कोरोना के विरूद्ध चलाए जा रहे जन आंदोलन की तरह नशामुक्ति राजस्थान को लेकर भी जन आंदोलन शुरू किया जाए। निरोगी राजस्थान के तहत किए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से गांव स्तर पर नियुक्त किए गए 90 हजार स्वास्थ्य मित्र इस मुहिम में स्थानीय हैल्थ टीम के साथ मिलकर नशावृति के विरूद्ध जागरूकता लाने का काम करें। गहलोत ने कहा कि नशावृति पर रोक को लेकर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में विभाग के उच्चाधिकारी अन्य राज्यों की नीति का अध्ययन करते हुए विशेषज्ञों से विचार-मंथन करने के बाद राज्य में नई नीति का प्रारूप तैयार किया जाए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहा कि कोरोना महामारी के संक्रमण की दूसरी लहर में उपजी विपरित परिस्थितियों में भी राजस्थान सरकार ने कोविड हैल्थ मैनेजमेंट सिस्टम का जो माॅडल प्रस्तुत किया, उसे पूरे देश में सराहा गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर भी हमें सजग और तैयार रहना चाहिए।  इस महामारी को मात देने के लिए राजस्थान सरकार हर कदम पर प्रयास कर रही है।

विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय वर्चुअली कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. रधु शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निरोगी राजस्थान की संकल्पना को साकार करने के लिए जिस कार्ययोजना पर काम हो रहा है, उसमें नशामुक्ति भी एक महत्वपूर्ण कदम है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में ई सिगरेट पर 30 मई 2019 बैन कर दी गई हैं। इसके बाद हुक्काबार बंद करने पर कार्रवाई की गई।  कोरोना महामारी के आने से पहले ‘‘दारू नहीं दूध पीयो‘‘ अभियान का सफलतापूर्वक संचालन किया गया। इसी अभियान के तहत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती पर नशामुक्ति पर पूरे राज्य में एक ही दिन में विभिन्न जगहों पर जागरूकता व शपथ कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें रिकाॅर्ड 1 करोड 14 लाख लोगों ने शपथ ली।

डाॅ. रधु शर्मा ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि छोटी-छोटी उम्र के बच्चे गुटखा व पानमशाला खाते है। इस पीढ़ी को नशे को दूर रखने में हम सफल हो गए और हमारा भावी इस बुराई से मुक्त हो सकेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हम इस संकल्प के साथ काम करें कि नशावृति से जुड़े हर व्यक्ति को इस बुराई की गिरफत से बाहर निकालें। डाॅ. शर्मा ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में सरकार ने नशामुक्ति केन्द्र बना रखा है, हैल्प लाइन नंबंर भी है लेकिन इससे आगे बढ़कर हमें आम आदमी के जेह.न में यह बात बिठानी पड़ेगी कि वो संकल्पबद्ध होकर काम करें कि मेरा परिवार, मेरा समाज, मेरा गांव, मेरा जिला, मेरा राज्य और मेरा देश नशा मुक्त हो। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने वर्चुअल कार्यशाला में जुड़े प्रत्येक संभागी से आह्वान किया वे एकजुट होकर राजस्थान को नशामुक्त राज्य बनाने के लिए कदम बढ़ाएं। कार्यशाला को राज्य स्तर से मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अखिल अरोरा, निदेशक जन स्वास्थ्य डाॅ.के.के. शर्मा, राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण अधिकारी कार्यक्रम एवं संयुक्त निदेशक व राज्य नोडल अधिकारी डाॅ. एस.एन. धौलपुरिया ने संबोधित किया। 

नागौर जिला मुख्यालय से इस राज्य स्तरीय वर्चुअल कार्यशाला में जिला पुलिस अधीक्षक श्वेता धनकड़, अतिरिक्त जिला कलक्टर मनोज कुमार, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जवाहर चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. मेहराम महिया, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सम्पतराम, अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. शीशराम चौधरी, एनएचएम के डीपीएम राजीव सोनी, डीएनओ भवानीसिंह हापावत, एपीडेमोलाॅजिस्ट साकिर खान व डाॅ. शादाब अली आदि जिला स्तरीय अधिकारी शामिल हुए। वहीं फेसबुक लाइव व यूटयूब चैनल के जरिए जिले के जनप्रतिनिधियों सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पुलिस होमगार्ड सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों सहित जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, स्वास्थ्य मित्र, ई मित्र संचालकों सहित बड़ी संख्या में आमजन व युवा वर्ग ने इस वर्चुअल कार्यशाला में भाग लिया।

 

अभियान ‘‘तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान‘‘ में इन 09 इंडीकेटर्स पर हुआ काम

 

शिक्षण संस्थान में तम्बाकू नियंत्रण कमेटी का गठन

शिक्षण संस्थान परिसर के अंदर प्रमुख स्थानों पर तम्बाकू मुक्त परिसर के साइनेज बोर्ड का प्रदर्शन।

विद्यालय में तम्बाकू पदार्थ का उपयोग नहीं होना।

तम्बाकू के हानिकारक प्रभाव को बताने वाले पोस्टर व अन्य जागरूकता सामग्री का प्रदर्शन

शिक्षण संस्थान में प्रत्येक छह माह की अवधि में तम्बाकू नियंत्रण संबंधी कम से कम एक गतिविधि का आयोजन।

तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान में टौबेको माॅनिटर का नाम, पदनाम व संपर्क सूत्र सूचना पट्ट पर अंकित करना।

तम्बाकू उपयोग न करने के नियम शिक्षण संस्थान की आचार संहिता में सम्मिलित करना।

शिक्षण संस्थान के बाउंड्रीवाल के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की दुकानों का चिन्हिकरण व उनको इसका विक्रय नहीं करने के लिए पाबंद करना।