बोलने से पहले जरूरी है तोलना- साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा
विनय एक्सप्रेस समाचार, नागौर। जयमल जैन पौषधशाला में जयमल जैन श्रावक संघ के तत्वावधान में साध्वी डॉ.बिंदुप्रभा ने मंगलवार को प्रवचन में कहा कि व्यक्ति की पहचान उसकी वाणी से होती है। सभ्य व्यक्ति की भाषा भी उच्च कोटि की होती है। बोलने से पहले हर शब्द को एक बार तो तोल लेना चाहिए। जो तोल- मोल के बोलता है, वह कभी कटु वचनों का प्रयोग नहीं करता है। बुद्धिमान वही होता है, जो बोलने से पहले सोचता है। जो बिना सोचे मनचाहा बोलता है, उसे अनचाहा सुनना भी पड़ता है। वचन बड़े ही अनमोल होते हैं। अत: सावधानी पूर्वक उनका प्रयोग किया जाना चाहिए। वचन से ही सत्कार व तिरस्कार की प्राप्ति होती है। वचनों के दुष्प्रयोग के कारण ही रामायण और महाभारत जैसे बड़े-बड़े युद्ध हुए। इंसान खाने में तो मीठा पसंद करता है, लेकिन बोलता कड़वा है। जो सबसे बड़ी विसंगति है। श्रावक को थोड़ा बोलना चाहिए। मौन रखना इंद्रिय नियंत्रण की सच्ची पराकाष्ठा है। जिससे स्वत: ही कलह झगड़े आदि से बचाव हो जाता है। संचालन संजय पींचा ने किया।
सामूहिक एकासन का आयोजन बुधवार को
बुधवार को आचार्य सम्राट शुभचंद्र महाराज का जन्मदिवस मनाया जाएगा। इस उपलक्ष्य में सामूहिक एकासन का आयोजन घोड़ावतो की पोल स्थित रावत स्मृति भवन में किया जाएगा।
प्रवचन एवं जय-जाप की प्रभावना तथा प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत के लाभार्थी तरुणकुमार, भरत पींचा परिवार नागौर हाल-मुकाम सूरत रहें। प्रवचन में पूछे गए प्रश्नों के उत्तर विनीता पींचा, सरोज चौरड़िया, हरकचंद ललवानी एवं दीपक सैनी ने दिए। आगंतुकों के भोजन का लाभ प्रकाशचंद, प्रदीप बोहरा परिवार ने लिया। इस मौके पर मंजूदेवी ललवानी, निर्मला कोठारी, के.रेखा सुराणा, शारदा ललवानी, वीणा बोहरा आदि मौजूद रहें।