विनय एक्सप्रेस समाचार, नई दिल्ली। अमेरिका ने पाकिस्तान और तालिबान को धार्मिक स्वतंत्रता के हनन पर चिंता का विषय घोषित किया है। अमेरिका ने इस संबंध में कहा है कि पाकिस्तान और तालिबान को धार्मिक स्वतंत्रता का जो हनन होता है वो चिंता का विषय है और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने पाकिस्तान और तालिबान को सीपीसी की लिस्ट में रखा है।
साल 2018 में भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर यही चिंता की गई थी जाहिर
सीपीसी यानि कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कंसर्न फॉर वॉयलेटिंग रिलीजियस फ्रीडम की लिस्ट। जी हां, इसी लिस्ट में पाकिस्तान और तालिबान रखा गया है। बता दें पहली बार ट्रम्प प्रशासन ने साल 2018 में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता के उत्पीड़न पर अपनी चिंता जाहिर की थी।
ट्रम्प प्रशासन की सी.पी.सी लिस्ट को रखा बरकरार
वहीं अब बाइडेन प्रशासन ने ट्रम्प प्रशासन की सी.पी.सी की लिस्ट को लगभग बरकरार रखा है। यानि उन्होंने इसमें कोई फेरबदल नहीं किया है। बाइडेन प्रशासन तालिबान सहित आईएस, बोकोहराम और अन्य चरमपंथी तंजीमो को चिंता की विषय की सूची में डाला है। अल्पसंख्यकों की धार्मिक आजादी को लेकर इन मुल्कों में हो रहे भेदभाव पर सभी चिंता व्यक्त कर रहे हैं। अमेरिका ने पाकिस्तान और तालिबान के इस धार्मिक भेदभाव पर अपनी चिंता जताई है। यह बात समझने की है कि पाकिस्तान और तालिबान को यह एक ही तराजू में तोला गया है। गौरतलब हो, अमेरिका की इस सूची में दुनिया के कम से कम 10 मुल्क ऐसे हैं, जिनको इस लिस्ट में रखा गया है। इनमें 4 देश ऐसे हैं, जिन्हें विशेष लिस्ट में रखा गया है। भारत इस लिस्ट में शामिल नहीं है।
दुनिया के कई देशों में सरकारें लोगों को कर रही परेशान
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एंटनी ब्लिंकेन ने कहा है कि दुनिया के कई देशों में सरकारें लोगों को परेशान कर रही हैं। लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है, धमकाया जा रहा है, जेल में डाला जा रहा है, यहां तक कि लोगों को जान से मार दिया जा रहा है। ऐसा इसलिए हो रहा है कि वे अपने धार्मिक विश्वास के अनुसार जीना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा ऐसे दस देशों में जहां लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता चिंताजनक है, उनमें बर्मा (म्यांमार), चीन, इरिट्रिया, ईरान, नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान शामिल हैं। यहां लोगों की धार्मिक स्वतंत्रता बाधित हो रही है। वहीं अल्जीरिया, कोमोरोस, क्यूबा और निकारगुआ को स्पेशल वॉच लिस्ट में रखा गया है।