जैसलमेर दुर्ग मे एनडीआरएफ टीम द्वारा भूकम्प की स्थिति से निपटने के लिए किया मॉक ड्रिल : आपदा की स्थिति में विभागीय समन्वय का किया जीवन्त प्रदर्शन

एनडीआरएफ द्वारा आपदा की स्थिति में बचाव कार्यो के लिए किया गया सफल रहा मॉक ड्रिल – जिला कलक्टर

विनय एक्सप्रेस समाचार, जैसलमेर ।आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 6 बटालियन राष्ट्रीय आपदा मोचन दल एव जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को सोनार दुर्ग में भूकम्प जैसी आपदा से निपटने के लिए शानदार मॉक ड्रिल का प्रदर्शन किया गया। इस प्रदर्शन के माध्यम से आमजन को यह संदेश दिया कि भूकम्प या अन्य आपदा की स्थिति में एनडीआरएफ के साथ ही जिला एवं पुलिस प्रशासन, सिविल डिफेंस, मेडिकल टीम किस प्रकार से बचाव कार्य करता है, उसका जीवन्त प्रदर्शन किया गया और यह प्रदर्शन टीम के जवानों ने जांबाज तरीके से प्रस्तुति देकर सभी की वाहवाही लूटी।

भूकम्प की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ टीम के लीडर एवं सहायक कमाडेण्ट योगेश कुमार मीणा के नेतृत्व में निरीक्षक जीडी सुरेश कुमार तथा रेसक्यू टीम ने विषम भूकम्प दुर्घटना होने पर किए जाने वाले बचाव कार्यों एवं मॉक अभ्यास का शानदार प्रदर्शन किया। इस दौरान रेसक्यू टीम ने अपने साथ लाए गए भूकम्प बचाव सम्बन्धित उपकरणों, कटिंग एवं भिन्न-भिन्न प्रकार के इक्युपमेंट से लकड़ी एवं लोहे की चदर को काटकर लोगों को बचाने का जीवन्त प्रदर्शन किया वह बहुत ही रोचक एवं प्रभावशाली रहा।

जिला कलक्टर डॉ. प्रतिभा सिंह, पुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत, अतिरिक्त जिला कलक्टर दाताराम, सहायक निदेशक लोक सेवाए सांवरमल रेगर, पुलिस उप अधीक्षक प्रियका कुमावत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कुणाल साहु, तहसीदार महेन्द्र खत्री, आयुक्त नगर परिषद शशिकांत शर्मा, विकास अधिकारी जितेन्द्र सांधु, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक जितेन्द्र कुमार, माध्यमिक हरिओम के साथ ही अन्य जिला स्तरीय अधिकारी एवं सिविल डिफेंस के स्वयं सेवक तथा नगरवासी इस शानदार मॉक ड्रिल के साक्षी रहे।

मॉक ड्रिल के दौरान जिला प्रशासन के साथ ही सिविल डिफेंस, फायर ब्रिगेड, स्काउट गाईड, होमगार्ड्स, पुलिस आदि ने भाग लिया। मॉक ड्रिल के दौरान आपदा की स्थिति में लोहे एवं लकड़ी की दीवार को काटकर घायल को सुरक्षित निकाल कर उसका मौके पर फस्टएड उपचार कर 108 एम्बुलेंस के माध्यम से जिला अस्पताल में उपचार के लिए भेजने का जो प्रदर्शन किया गया वह वास्तव में सराहनीय रहा, वहीं टीम द्वारा ऊँचाई पर घायल हुए व्यक्ति को रस्से के माध्यम से नीचे सुरक्षित उतारकर उसे बचाने का जो प्रदर्शन किया गया उसको देखकर सभी के रोंगटे खड़े हो गए।

जिला कलक्टर डॉ. सिंह ने बताया कि 6 एनडीआरएफ टीम द्वारा भूकम्प की स्थिति से निपटने का जो मॉक ड्रिल किया गया है वह वास्तव में शानदार रहा एवं इससे यह भी सीख मिली कि आपदा की घड़ी में इस बचाव टीम के साथ अन्य सुरक्षा एजेन्सियों एवं अन्य विभागों ने जो संयुक्त रूप से मौके पर तत्परता से कार्यवाही की उससे भी यह संदेश मिलता है कि आपदा की घड़ी में जिला प्रशासन के साथ ही बचाव टीमें आमजन को बचाने के लिए सदैव तत्पर रहती है। उन्होंने टीम द्वारा दुर्ग किए गए इस बचाव कार्य की सराहना की। उन्होंने इस मॉक ड्रिल में विभिन्न विभागों के स्टेग होल्डर द्वारा जो सहभागिता दर्ज कराई उसकी भी तारीफ की।

जिला पुलिस अधीक्षक भंवर सिंह नाथावत ने कहा कि एनडीआरएफ की टीम भूकम्प या अन्य आपदा की स्थिति मे बचाव कार्य को जो अंजाम दिया जाता है वह वास्तव में तारीफ ए काबिल है। उन्होंने कहा कि यह तो एक बनावटी आपदा की स्थिति में बचाव का मॉक ड्रिल था लेकिन हमें इससे यह सीख लेनी चाहिए कि आपदा की स्थिति में हमें पूरी तत्परता के साथ इस प्रकार से बचाव कार्य कर मानव के जीवन को बचाना है।

टीम लीडर एवं सहायक कमाण्डेंट योगेश कुमार मीणा ने बताया कि टीम द्वारा समय-समय पर विभिन्न जिला में जाकर भूकम्प या अन्य आपदा की स्थिति में किस प्रकार से बचाव कार्य किया जाता है, उसका मॉक ड्रिल किया जाता है। उन्होंने मॉक ड्रिल में जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ ही अन्य विभागों द्वारा दिए गए सहयोग के प्रति आभार जताया। पुलिस विभाग द्वारा मॉक ड्रिल मे सुरक्षा के साथ ही यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने का कार्य का प्रदर्शन किया गया।