विनयएक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। राजस्थान सरकार द्वारा कोरोना महामारी के चलते दिनांक 28 अप्रेल को देर रात तक नर्स ग्रेड-।। के कुल 4856 पदोें तथा एएनएम के कुल 3532 पदों पर स्थाई नियुक्ति के आदेश जारी किये गये हैं। इस नर्सिंग भर्ती मे कुछ संविदा कार्मिकों का भी चयन हुआ है। इन संविदा कार्मिकों में यूटीबी, एनएचम, 108 एम्बुलेंस कार्मिक तथा पीपीपी कार्मिक शामिल है। इन समस्त संविदा कार्मिका का राज्य सरकार कार्यग्रहण नहीं करवा रही है।
इस मामले में राज्य सरकार द्वारा संबंधित विभागीय कार्यालयों को निर्देश दिए गये है कि समस्त संविदा नर्सेज अभी इस कोराना काल में जहाँ कार्यरत है वहीं उसी वेतन पर कार्य करते रहेगें। निदेशालय चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा इस विषय में जब तक अग्रिम आदेश प्राप्त न हो तब तक संविदा नर्सेज को कार्यमुक्त नहीं करने के निर्देश भी प्रदान किये गये है।
उपरोक्त स्थिति से राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठते है कि सरकार द्वारा नियुक्ति भी दे दी गयी और कार्यग्रहण भी नहीं करवाया जा रहा। जब तक कर्मचारी कार्यग्रहण नहीं कर पाएगा तब तक राज्य सरकार पर वित्तिय भार नहीं पडेगा। इसी प्रकार यदि कोविड-19 में के हालात मा यदि जुलाई तक सामान्य नहीं हुए तो वर्तमान में जारी आदेशों के अनुरूप संविदा नर्सेज को जीवनभर 2018 भर्ती में चयनित फ्रेशर नर्सेज से एक इन्क्रीमेंट पीछे रहना होगा साथ ही उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाना पडे़गा।
फ्रेशर नर्सेज को कार्यग्रहण हेतु शपथ पत्र की नहीं हो रही उपलब्धता
फ्रेशर नर्सेज यानी जिन्होनें कोई बोनस अंक नहीं लिए है या किसी विभागीय योजना में पदस्थापित नहीं है उन्हें 7 दिवस के अंदर आवंटित जिले या संस्थान के अधिकारी के अधीन कार्यग्रहण करना होगा। लेकिन फ्रेशर नर्सेज को कार्यग्रहण हेतु आवश्यक दस्तावेज शपथ पत्र लाॅकडाउन के चलते उपलब्ध नहीं हो पा रहे है। ऐसी स्थिति विभागीय अधिकारीयों को वैकल्पिक व्यवस्था कर कार्यग्रहण करवाना चाहिए।
राज्यसरकार इन आदेशों में व्याप्त विसंगति तो तुरंत दुरस्त करके नर्सेज भर्ती 2018 में चयनित हुए समस्त संविदा नर्सेज को वर्तमान परिस्थितियों (कोविड -19 महामारी) के दौर में जहां कार्यरत हैं वही कार्यग्रहण करवाये ताकि चिकित्सा व्यवस्थाएं प्रभावित नही हो और चयनित कार्मिकों को भी राहत मिल सके ।
महिपाल चैधरी
प्रान्तीय उपाध्यक्ष
राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन(एकीकृत)