विनय एक्सप्रेस समाचार, बीकानेर। जिले के समस्त शहरों को 15 दिसंबर तक भिक्षावृत्ति मुक्त करवाने का लक्ष्य रखा गया है। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि जिले के समस्त शहरों को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए निकाय वार प्रभारी और सहायक प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। सभी संबंधित अधिकारियों को सर्वे व पुनर्वास टीमों से समन्वय करते हुए प्रभावी मॉनिटरिंग कर 16 नवंबर से इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद द्वारा जारी आदेशानुसार नगर निगम बीकानेर क्षेत्र के लिए अतिरिक्त निदेशक (रीपा) अरुण प्रकाश शर्मा को प्रभारी तथा आयुक्त नगर निगम को सहायक प्रभारी बनाया गया है। इसी प्रकार नोखा नगरपालिका क्षेत्र के लिए नोखा के उपखंड अधिकारी को प्रभारी और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को सहायक प्रभारी बनाया गया है। श्रीडूंगरगढ़ नगरपालिका के लिए श्रीडूंगरगढ़ उपखंड अधिकारी को प्रभारी तथा अधिशासी अधिकारी को सहायक प्रभारी तथा देशनोक नगर पालिका के लिए बीकानेर उपखंड अधिकारी को प्रभारी तथा देशनोक नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी को सहायक प्रभारी बनाया गया है। आदेशानुसार नगर निगम क्षेत्र में आयुक्त तथा नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी 15 नवंबर तक इस संबंध में सर्वे का कार्य पूरा करवाएंगे । शहरो में भिक्षावृत्ति में लिप्त चिन्हित लोगों के पुनर्वास के लिए भी टीम गठित की गई है। इस टीम में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) को प्रभारी तथा सामाजिक एवं अधिकारिता विभाग उपनिदेशक को सहायक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त पुलिस थाना अधिकारी के नेतृत्व में संबंधित ब्लाक समाज कल्याण अधिकारी को सहायक प्रभारी बनाते हुए लोगों के पुनर्वास के लिए टीम को कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
पुनर्वास टीम राज्य के बाहर के लोगों को भिक्षावृत्ति ना करने के लिए पाबंद करेगी तथा सभी जरूरतमंद लोगों को रैन बसेरों या पुनर्वास गृहों में स्थानांतरित करवाने में नगरीय निकायों की सक्रिय रूप से सहायता करेंगे। आदेशानुसार राज्य के लोगों का इंदिरा गांधी शहरी रोजगार योजना में जॉब कार्ड बनवाकर 15 नवंबर तक मस्टररोल जारी करवाएंगे। शहरी निकाय, भामाशाहों की सहायता से ऐसे लोगों के लिए इंदिरा रसोई योजना से भोजन की व्यवस्था करवाना भी सुनिश्चित करेंगे। साथ ही उन्हें कौशल विकास से जुड़े प्रशिक्षण भी दिलाए जाएंगे। साथ ही समाज कल्याण अधिकारी को पुलिस की सहायता लेते हुए ऐसे लोगों को पुनर्वास के लिए स्थानांतरित करने के निर्देश दिए गए हैं।