मदरसों में आधुनिक शिक्षण देना अनिवार्य वरना पंजीकरण होगा रद्द : शासन सचिव राजन विशाल

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की हुयी बैठक

विनय एक्सप्रेस समाचार, जयपुर। शासन सचिव श्री राजन विशाल ने मंगलवार को शासन सचिवालय के मुख्य भवन में जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। बैठक में 100 दिनों की कार्ययोजना, सरकार के संकल्प पत्र में संबंधित विभागीय बिंदुओं की उपलब्धि, प्रधान मंत्री जनविकास कार्यक्रम के अन्तर्गत चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति, बजट योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति, जिलों में संचालित अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों के संचालन, मदरसा शिक्षा एवं आधुनिकीकरण, छात्रवृत्ति, राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम के ऋण वितरण एवं वसूली, कौशल विकास, अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं एवं बाल विकास कार्यों की समीक्षा की गयी।
श्री विशाल ने कहा की अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें इसके लिए सभी अल्पसंख्यक समुदायों को जागरूक करने का अभियान चलाया जाये। अल्पसंख्यकों के बेहतर कौशल विकास व रोज़गार पर ध्यान देने के साथ ही इस पर आधारित कार्ययोजना को ध्यान में रखकर मूर्त रूप दिया जाए। इसके
 साथ ही उन्होंने जिले के मदरसों की भौतिक व्यवस्थाओं, पीने का पानी, शौचालय, स्वच्छता, मदरसा के आधुनिकीकरण के कार्यों की प्रगति आदि के बारे में जानकारी ली।
मदरसों में आधुनिक शिक्षण देना अनिवार्य वरना पंजीकरण होगा रद्द—
श्री विशाल ने आधुनिक शिक्षण ना देने वाले मदरसों  को नोटिस दे करवाई के आदेश दिये। उन्होंने कहा की बच्चों को दीनी तालीम के साथ आधुनिक एवं तकनीकी तालीम भी मिले जिससे तकनीकी युग की मुख्यधारा से पिछड़े नहीं।
अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में 100 प्रतिशत नामांकन के लिए बनाए कार्ययोजना—
श्री विशाल ने कहा कि अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालयों में चाइल्ड सेन्ट्रिक एप्रोच के साथ काम किया जाए। आगामी सत्र आरंभ होने से पहले हितधारकों, अभिभावकों व प्रबुधजनों से संवाद कर उनके सुझाव लें और 100 प्रतिशत नामांकन  सुनिश्चित करने लिए कार्ययोजना बनाए। उन्होंने अनुशासन पर प्रकाश डालते हुए निर्देश दिये की विद्यालयों में कार्यरत सभी कार्मिक समय पर आएं। बच्चों के प्रति उनका व्यवहार अच्छा हो और अनुशासन के साथ अपने दायित्वों को पूरा करें। शौचालय की नियमित सफाई हो। प्रांगण साफ-सुथरे हों और स्वादिष्ट व संपूर्ण आहार बच्चों को दिया जाये। आवासीय विद्यालयों में बच्चों को होम अवे फ्रोम होम की भावना आना अति महत्त्वपूर्ण है। राजस्थान सम्पर्क पोर्टल के माध्यम से समस्याओं का इंद्राज कर त्वरित समाधान हो। तकनीकी नवाचारों से आवासीय विद्यालयों को चाइल्ड फ्रेंडली बनाया जाए। उन्होंने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को सभी आवासीय विद्यालयों के समय-समय पर औचक निरीक्षण के भी निर्देश दिये।
शासन सचिव ने कहा कि अन्य राज्यों एवं अन्य देशों में अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही योजना एवं ढांचे का अध्ययन आवश्य करें ताकि प्रदेश में भी अल्पसंख्यक समाज को मजबूत किया जा सके। हम राज्य सरकार की योजनाओं को धरातल पर पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए हर संभव कदम उठाये जाएँगे । उन्होंने अधिकारियों को नवाचारों पर अपडेट रहने को कहा।
मिलान सॉफ्टवेर के मदद से ऋण वितरण में लाए तेज़ी, 100 दिनों में दिये जाये 400 ऋण—
जिला अधिकारियों को श्री विशाल ने निर्देश दिए की सरकार के मंशानुरूप 100 दिनों में 400 ऋण अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम द्वारा ज़रूरतमंद लोगों को मुहैया करवाए जाये। वसूली के लंबित मामलों में समयबद्ध तरीक़े से कार्यवाही हो जिस से की ऋण वसूली में तेजी आये। ऋण वितरण के लिए उन्होंने अल्पसंख्यक ऋण लेखा सॉफ्टवेयर (MILAN) के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया।
जैन चातुरमास पर हो जैन संतों के लिए माकूल व्यवस्था—
श्री विशाल ने संकल्प पत्र में संबंधित विभागीय बिंदुओं की उपलब्धि की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया की जैन चातुरमास पर जैन समुदाय के साधु-साध्वियों के लिए माकूल व्यस्था की जाये। जिसके लिए स्थानीय प्रशासन से समन्वय बना सभी ज़रूरी संसाधनों का इंतज़ाम समय रहते किया जाये। उनके विहार, भ्रमण व चातुर्मास के दौरान जिले में ठहरने के लिए भूमि, भवन व सुरक्षित स्थान के आवंटन के लिए प्रस्ताव अविलंभ आमंत्रित किए जाए।
गुड गवर्नेंस के लिए दिये गये निर्देशों का हो गंभीरता से पालन, 1 मार्च से हो ई-फाइल सिस्टम पूर्ण रूप से लागू—
श्री विशाल ने मुख्य सचिव द्वारा दिये गये निर्देशों पर प्रकाश डालते हुए सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को कार्यालय में समय पर उपस्थित होने व कार्यालय समय पश्चात् ही कार्यालय से प्रस्थान के निर्देश दिये साथ ही अनुशासनहीनता की शिकायत मिलने पर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी। साथ ही विभाग की सभी डाक, फाइल व अन्य पत्राचार के आदान प्रदान को पूर्ण रूप से ई-फाइल द्वारा करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया की सभी कार्मिकों को ई-फाइल का प्रशिक्षण भी दिलवाया जाना प्रस्तावित है।
इस बैठक में अल्पसंख्यक मामलात विभाग की निदेशक श्रीमती नलिनी कठोतिया, अतिरिक्त निदेशक श्री मती मंजु, मदरसा बोर्ड सचिव श्री मुक्करम शाह, आर.एम.एफ.डीसी के प्रबंध निदेशक श्री भँवर लाल, उप निदेशक डॉ. महमूद अली खान, सहायक निदेशक सुशील कुमार व समस्त जिला अल्पसंख्यक कल्याण आधिकारी उपस्थित रहे।