जिला कलक्टर ने दिए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश लोक समस्याओं और शिकायतों का समयबद्ध करें निस्तारण – आशीष मोदी
विनय एक्स्प्रेस समाचार,जैसलमेर। जिला कलक्टर आशीष मोदी ने विभिन्न माध्यमों से प्राप्त एवं दर्ज जन समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए हर मामले को गंभीरता से लेने, जल्द से जल्द जांच कार्य को पूर्ण करने तथा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए गंभीरतापूर्वक एवं्र समयबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए हैं और कहा है कि इस दिशा में ढिलाई को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जिला कलक्टर मोदी ने सोमवार को जैसलमेर जिला कलक्ट्री सभा कक्ष में सतर्कता एवं जन अभाव अभियोग निराकरण समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने सतर्कता में पंजीबद्ध मामलों के साथ ही सम्पर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों तथा जनसुनवाई एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों एवं समस्याओं के निस्तारण की प्रगति की गहन समीक्षा की और निर्देश दिए कि काफी समय से लम्बित चल रहे मामलों के निस्तारण के लिए जल्द से जल्द कार्यवाही करें।
गंभीरतापूर्वक करें कार्यवाही
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे सतर्कता समिति एवं सम्पर्क पोर्टल आदि में दर्ज तथा राज्य स्तर से समाधान के लिए आने वाले प्रकरणों के प्रति गंभीर रहें तथा इनमें त्वरित कार्यवाही तथा निस्तारण की आदत डालें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सतर्कता समिति की बैठकों में अनिवार्य मौजूदगी सुनिश्चित करने के साथ ही सम्पूर्ण तैयारी के साथ आएं।
जिला कलक्टर मोदी ने दर्ज प्रकरणों पर संबंधित विभागों के अधिकारियों से वस्तुस्थिति तथा निस्तारण कार्यवाही की प्रगति के बारे में जानकारी ली और व्यापक दिशा-निर्देश दिए।
प्रभावी निर्देश दिए
जिला कलक्टर ने जिले में अतिक्रमणों के मामलों पर त्वरित कार्यवाही करते हुए अवैध कब्जों को हटाने, प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारियों के मध्य समन्वय एवं कार्य शीघ्रता की शैली को अपनाने, सहकारिता से संबंधित गड़बड़ियों की शिकायतों पर ठोस कार्यवाही अमल में लाने, जांच रिपोर्ट समय पर प्रस्तुत करने, निर्णायक समाधान देकर राहत का अहसास कराने, मीडिया में गलत समाचार आने पर विभाग की ओर से अविलम्ब वस्तुस्थिति के साथ खण्डन जारी करने आदि के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने कई मामलों में रिपोर्ट संतोषजनक नहीं होने पर दुबारा जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली के झूलते तारों को ठीक कराने, अतिक्रमणों के मामले में पूर्व तथा पश्चातवर्ती स्थितियों के फोटोग्राफ्स के साथ डॉक्यूमेंटेशन, पत्थरगढ़ी के बाद भी गड़बड़ियों की शिकायतों के मामलों में एसडीएम द्वारा प्रभावी कार्यवाही करने सहित कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
स्वीकृति के बाद ही होेंगे पशु शिविर, प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश
जिला कलक्टर ने जिले में पशु शिविरों के आयोजन के प्रस्ताव शीघ्र तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए और यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार की स्वीकृति प्राप्त होने के बाद ही पशु शिविर लगाए जा सकेंगे। बिना स्वीकृति किसी भी शिविर का भुगतान नहीं किया जाएगा।
पेयजल की स्थितियों का आकलन करें
उन्होंने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निर्देश दिए कि मौजूदा ग्रीष्मकाल में जिले भर के सभी गांवों की पेयजल की दृष्टि से वर्तमान स्थिति का पूरा खाका तैयार कर प्रस्तुत करे जिसमें प्राथमिक एवं द्वितीयक पेयजल उपलब्धता स्रोत की जानकारी समाहित हो, ताकि आने वाले दिनों में जिले के लोगों को पेयजल की दृष्टि से किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़े। इसके साथ ही संभावित समस्याग्रस्त क्षेत्रों का भी विस्तृत आकलन पहले ही कर लिया जाना चाहिए। जल योजनाओं को युद्धस्तर पर पूर्ण करने, हैण्डपंप एवं नलकूपों की मरम्मत तथा जल स्रोतों एवं संसाधनों को पूर्ण उपयोगी बनाने के निर्देश भी दिए गए।
अतिरिक्त जिला कलक्टर हरि सिंह मीना ने सभी प्रकरणों तथा विभागवार लम्बित प्रकरणों के बारे में अवगत कराया और इस दिशा में जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी नारायणसिंह चारण, नगर विकास न्यास के सचिव अनुराग भार्गव, पुलिस उपाधीक्षक श्याम सुन्दरसिंह, प्रधान रसाल कंवर(जैसलमेर), दोली देवी (भणियाणा) एवं कृष्णा चौधरी(मोहनगढ़), जिले के उपखण्ड अधिकारियों, अधीक्षण अभियन्तों नरेन्द्र कुमार जोशी (बिजली), जेपी जोरवाल (पेयजल) एवं हरिसिंह राठौड़ (सार्वजनिक निर्माण विभाग) सहित विभागीय अधिकारियों, तहसीलदारों, नगर परिषद आयुक्त शशिकान्त शर्मा एवं अन्य अधिकारियों तथा विभागीय प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
समस्याओं को सुना, निराकरण के निर्देश दिए
जिला कलक्टर ने सतर्कता मेंं दर्ज प्रकरणों से संबंधित तथा अन्य परिवादियों की समस्याओं को सुना तथा इनके बारे में संबंधित अधिकारियों को निस्तारण की कार्यवाही करने के निर्देश दिए।