कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र के विकास के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री
विनय एक्सप्रेस समाचार,नागौर। राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश में कृषि, पशुपालन और डेयरी उत्पादों के लिए प्रभावी विपणन नीति बनाने पर बल दिया है, ताकि ये उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी जगह बना सकें। राज्यपाल मिश्र ने कृषि और पशुपालन को राज्य के विकास का मुख्य आधार बताते हुए कहा कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में हुए आधुनिक विकास का लाभ किसान और पशुपालकों को मिलना चाहिए।
वीडियों काॅन्फ्रेंस के दौरान राज्यपाल मिश्र ने कृषि महाविद्यालय नागौर के नवनिर्मित भवन एवं कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया तथा पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के जोधपुर में नवीन पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय भवन का शिलान्यास तथा जोधपुर, अविकानगर (टोंक), रतनगढ़ (चूरू), डूंगरपुर और झुंझुनूं के पशु विज्ञान केन्द्रों के नवीन भवनों का ऑनलाइन लोकार्पण किया।
इस अवसर पर राज्यपाल मिश्र ने कहा कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास कर रही बड़ी आबादी की आजीविका का मुख्य आधार कृषि और पशुपालन ही है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए खेती के अलावा किसान अनुपूरक आय के लिए पशुपालन पर निर्भर हैं, ऐसे में पशुधन के बेहतर प्रबन्धन के साथ पशुधन संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों के डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत है। उन्होंने पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विवि बीकानेर को स्थान विशेष की विशेषताओं पर आधारित उत्पादों के प्रोत्साहन और विपणन के लिए कार्ययोजना बनाने का सुझाव दिया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि कोराना संक्रमण के इस दौर में जब देश की अर्थव्यवस्था धीमी गति से आगे बढ़ रही है, राजस्थान की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का 14 प्रतिशत एवं पशुपालन सेक्टर का 12.5 प्रतिशत योगदान है। राज्य सरकार का प्रयास है कि कृषि एवं पशुपालन क्षेत्र का विस्तार तेज गति से हो। इन दोनों सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए पिछले तीन बजट में राज्य सरकार ने एक से बढ़कर एक फैसले लिए हैं। इनमें आगामी वित्तीय वर्ष से कृषि का अलग बजट तथा कृषक कल्याण कोष में 2 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान शामिल है। पशुपालकों को दूध पर 2 रूपये प्रति लीटर बोनस दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की जंग में प्रदेश में सभी का सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संक्रमण की दर काफी कम होने के बाद लॉकडाउन 2-0 में कई तरह की ढील दी गई हैं। उन्होंने चेताया कि लोगों ने मास्क लगाने, दूरी रखने एवं भीड़-भाड़ एकत्र नहीं करने जैसे हैल्थ प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया तो संक्रमण फिर से बढ़ सकता है। उन्होंने आमजन से अपील की कि वे सतर्क रहें एवं हैल्थ प्रोटोकॉल की पूरी पालना करें।
इस मौके पर कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि देश की जीडीपी में कृषि और पशुपालन क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है, इसे देखते हुए सरकार प्रदेश में कृषि क्षेत्र में नवाचारों को प्रोत्साहन दे रही है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में जल की कमी को देखते हुए कृषि विश्वविद्यालय खेती-किसानी के लिए जल संरक्षण के तरीकों पर भी कार्य कर रहे हैं।
कृषि एवं पशुपालन राज्यमंत्री भजनलाल जाटव ने कहा कि कोरोनाकाल में किसानों और पशुपालकों की समस्याओं के निदान तथा उनके कल्याण के लिए राज्य सरकार ने लगातार प्रयास किए हैं।
साढ़े दस करोड़ की लागत से बना कृषि महाविद्यालय
शहर के बीकानेर रोड स्थित कृषि महाविद्यालय के लिए बजट घोषणा 2015-16 में कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के अधीन कृषि महाविद्यालय नागौर के भवन निर्माण हेतु 11 करोड़ रुपए की स्वीकृति जारी की गई। जिसमें करीब साढ़े दस करोड़ रुपए की लागत से भवन का निर्माण किया गया।
महाविद्यालय के डीन डाॅ महेश पूनियां ने बताया कि जयपुर की कार्यकारी एजेंसी राजस्थान राज्य सड़क एवं निर्माण निगम लिमिटेड द्वारा 18 जून 2019 को भवन निर्माण का कार्य पूर्ण किया गया। कुल 8361 वर्गमीटर में कृषि महाविद्यालय का भवन तैयार किया गया, जिसमें आधुनिक तकनीक द्वारा तापरोधी प्रशासनिक ब्लाॅक, प्राध्यापक विभाग प्रयोगशालाएं, काॅन्फ्रेंस हाॅल, प्रोजेक्टर युक्त व्याख्यान कक्ष, पुस्तकालय, परीक्षा हाॅल सहित पार्किंग आदि सुविधाओं के साथ भवन का निर्माण किया गया है।
कृषि महाविद्यालय के सहायक छात्र कल्याण निदेशक डाॅ विकास पावड़िया ने बताया कि वर्तमान में महाविद्यालय के कृषि विज्ञान स्नातक डिग्री पाठयक्रम में कुल 60 सींटे आवंटित हुई है। जिसमें जेट के माध्यम से प्रवेश होता है। वर्तमान में महाविद्यालय में अध्ययनरत कुल छात्रों की संख्या 196 है, जिसमें 82 छात्राएं है।
वर्चुअल लोकार्पण के दौरान जिला कलक्टर डाॅ जितेन्द्र कुमार सोनी के साथ कृषि महाविद्यालय के डीन डाॅ महेश पूनियां, कृषि महाविद्यालय के सहायक छात्र कल्याण निदेशक डाॅ विकास पावड़िया, सहायक अभियंता डालाराम धुंधवाल आदि उपस्थित रहे।